Kofka Ki Lokpriya Kahaniya In Hindi PDF Free Donwload
Kofka Ki Lokpriya Kahaniya In Hindi पुस्तक का विवरण :
वह एक छोटी महिला है; स्वाभाविक रूप से पतली, अच्छी सुसज्जित; जब भी मैं उससे मिलता हूँ, वह हमेशा उसी पोशाक में होती हैं, जो भूरे-पीले कपड़ों की बनी है, इसका रंग लकड़ी से मिलता-जुलता है। यह व्यवस्थित तरीके से कटा हुआ है तथा इस पर कपड़े के रंग के ही बटन की तरह दिखनेवाले फुदने लगे हैं, वह कभी टोप नहीं पहनती तथा उसके बाल सुलझे हुए हैं, लेकिन ढीले-ढाले ढंग से बँधे हुए हैं। यद्यपि वह पूर्ण रूप से सुसज्जित है, लेकिन वह फुरतीली है तथा तेजी से चलती है, वास्तव में वह अपेक्षाकृत कुछ ज्यादा ही तेजी से चलती है, उसे अपनी कमर पर हाथ रखकर तथा अपने ऊपरी भाग को अचानक एक ओर आश्चर्यजनक रूप से मोड़ना बहुत पसंद है।
उसके हाथ के प्रभाव को महसूस करके मुझे ऐसा लगा कि उसके हाथ में उँगलियों के बीच जितना स्पष्ट अंतर है वह मैंने पहले कभी नहीं देखा, फिर भी उसके हाथों में कुछ संरचनात्मक विचित्रता नहीं है, ये पूरी तरह से सामान्य हैं। यह छोटी महिला मुझसे खुश नहीं रहती है, उसे हमेशा मुझमें कुछ-न-कुछ कमी दिखाई देती है। मैं हमेशा उसके साथ कुछ-न-कुछ गलत करता रहा हूँ, मैं हर कदम पर उसे नाराज करता रहा है. अगर जीवन को छोटे- छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जाए तथा इसके सभी टुकड़ों का अलग-अलग मूल्यांकन किया जाए तो मेरे जीवन का हर बचा टुकड़ा निश्चित रूप से उसके लिए एक अपमान होगा।
कभी-कभी मुझे यह आश्चर्य होता है कि मैं उसके साथ ऐसा क्यों करता हूँ, हो सकता है कि मेरे से संबंधित हर चीजें उसके सौंदर्य सम्मान, उसकी न्याय भावना, उसकी आदतों, परंपराओ, आशाओं आदि को आहूत करती हैं। मेरा और उसका स्वभाव पूर्णतः असंगत है, लेकिन इससे उसे इतनी परेशानी क्यों होती है? हमारे बीच ऐसा कोई संबंध नहीं हैं, जो उसे मेरी तरफ से परेशान होने को विवश करे। उसे सिर्फ यह करना चाहिए कि मुझे आगंतुक मानकर सम्मान करना चाहिए।
मैं एक आगंतुक तो है ही और इसमें मुझे कोई बुराई भी नजर नहीं आती, बल्कि मुझे इसका स्वागत भी करना चाहिए। उसे सिर्फ मेरे अस्तित्व को नजरअंदाज करना चाहिए जो कि मैंने कभी भी उसका ध्यान खींचने की कभी कोशिश नहीं की और न ही कभी करूँगा और स्पष्टतः उसकी पीड़ा का अंत हो जाएगा। मैं अपने बारे में नहीं सोच रहा है कि मैं सिर्फ इस कारण छोड़ रहा है, क्योंकि मुझे उसका रवैया निश्चय ही चिड़चिड़ा देनेवाला लगता है, तथा में इस कारण भी इस बात की अनदेखी करता है, क्योंकि मेरी परेशानी उसकी पीड़ा के मुकाबले कुछ भी नहीं है।
उसी तरह मैं इस बात से भी भली-भाँति परिचित हैं कि उसकी परेशानी में मेरे प्रति कोई सहानुभूति नहीं है, वह मुझमें कोई वास्तत्विक सुधार लाना नहीं चाहती। इसके अलावा उसे मुझसे जो भी परेशानी है वह इस तरह की नहीं है जिससे कि मेरे विकास में कोई बाधा आए। फिर भी मेरे विकास की उसे कोई परवाह भी नहीं है, उसे तो बस अपनी किसी वस्तु में व्यक्तिगत रुचियों से ही सरोकार होता है, वे रुचियाँ ये हैं कि उन्हें मेरे द्वारा दी गई अपनी पीड़ा का बदला लेना तथा मेरे द्वारा भविष्य में इस प्रकार की किसी आशंका को रोकना।
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Book Description In English :
She is a little woman; naturally thin, well equipped; Whenever I meet her, she is always in the same outfit, which is made of brownish-yellow fabric, the color of which resembles wood. It is neatly cut and has buttonholes that look like the color of the fabric, she never wears a hat, and her hair is styled but loosely tied. Although she is fully equipped, she is agile and moves fast, in fact she moves much faster than expected, she loves to put her hands on her hips and twist her upper body suddenly to one side Is.
Feeling the effect of his hand, it seemed to me that he had such a clear gap between the fingers that I had never seen before, yet there was no structural abnormality in his hands, they were completely normal. This little lady is never happy with me, she always finds something lacking in me. I have always been doing something wrong with him, I have been annoying him at every step. If life is divided into small pieces and all its pieces are evaluated separately, then every remaining piece of my life will definitely be an insult to it.